योगी आदित्यनाथ जी के बारें में खास खबर, एक गुरु गोरख मठ योगी से मुख्यमंत्री तक की यात्रा
🔶 भूमिका
योगी आदित्यनाथ, जिनका असली नाम अजय सिंह बिष्ट है, भारतीय राजनीति के एक प्रभावशाली और कट्टर हिंदुत्व छवि वाले नेता माने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में वे अपनी कड़क कार्यशैली और कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए जाने जाते हैं। गोरखपुर से सांसद बनने के बाद उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई और आज वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रमुख चेहरों में से एक हैं।
🔷 प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
पूरा नाम: अजय सिंह बिष्ट
जन्म तिथि: 5 जून 1972
जन्म स्थान: पंचूर गांव, यमकेश्वर तहसील, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश)
पिता का नाम: आनन्द सिंह बिष्ट (फॉरेस्ट रेंजर)
माता का नाम: सावित्री देवी
जाति: राजपूत (ठाकुर)
धार्मिक विचारधारा: सनातन धर्म एवं गोरखनाथ पंथ
योगी जी ने प्रारंभिक शिक्षा अपने गाँव के स्कूल से प्राप्त की और आगे की पढ़ाई हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से की। उन्होंने B.Sc. (गणित) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
🔷 सन्यास की ओर झुकाव
योगी आदित्यनाथ का आध्यात्मिक जीवन गोरखनाथ मठ के तत्कालीन महंत अवैद्यनाथ से प्रभावित हुआ। कॉलेज के समय में ही वे उनके संपर्क में आए और सन्यास की ओर अग्रसर हो गए। उन्होंने 1993 में गृह त्याग कर लिया और 1994 में विधिवत सन्यास ले लिया। इसके बाद उनका नाम अजय से योगी आदित्यनाथ रखा गया।
🔷 गोरखनाथ मठ का उत्तराधिकार
1994 में योगी आदित्यनाथ ने नाथ संप्रदाय के प्रमुख गोरखनाथ मठ में सन्यास लिया और महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी घोषित हुए।
1998 में अवैद्यनाथ के देहांत के बाद योगी को आधिकारिक रूप से गोरक्षपीठाधीश्वर बनाया गया। गोरखनाथ मठ केवल धार्मिक संस्था ही नहीं बल्कि पूर्वांचल में एक सामाजिक और राजनीतिक शक्ति का केंद्र भी रहा है।
🔷 राजनीतिक जीवन की शुरुआत
1998 में मात्र 26 वर्ष की आयु में, योगी आदित्यनाथ गोरखपुर लोकसभा सीट से BJP के टिकट पर सांसद बने। वे लगातार 5 बार (1998–2017) इस सीट से जीतते रहे।
उनका राजनीतिक सफर हिन्दुत्व और कट्टर राष्ट्रवादी विचारधारा के साथ गहराई से जुड़ा रहा है।
उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी नामक संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना और हिंदू हितों की रक्षा करना था।
🔷 विवाद और आलोचना
योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक सफर विवादों से भी जुड़ा रहा है।
कुछ प्रमुख विवाद:
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2007 में गोरखपुर दंगे: जिसमें योगी जी को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेल जाना पड़ा था।
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हेट स्पीच के आरोप: कई बार उनके भाषणों को “धार्मिक उकसावे” के रूप में देखा गया।
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लव जिहाद, धर्मांतरण पर कड़े बयान: जिस पर विपक्ष ने उन्हें “ध्रुवीकरण की राजनीति” करने वाला कहा।
हालांकि उनके समर्थकों का मानना है कि योगी के ऐसे रुख ने हिंदू समाज के आत्मसम्मान को बढ़ाया है।
🔷 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की यात्रा
2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में BJP को प्रचंड बहुमत मिला।
19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
यह निर्णय चौंकाने वाला था क्योंकि योगी जी उस समय मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं थे। लेकिन उनकी राष्ट्रवादी छवि, संगठन पर पकड़ और जन-लोकप्रियता ने उन्हें यह पद दिलवाया।
🔷 मुख्यमंत्री के रूप में कार्य
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कई अहम और कड़े फैसले लिए, जिनमें प्रमुख हैं:
🟢 कानून व्यवस्था:
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एंटी रोमियो स्क्वॉड की शुरुआत
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अपराधियों पर ‘एनकाउंटर नीति’ लागू
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महिला सुरक्षा को प्राथमिकता
🟢 धार्मिक-सांस्कृतिक योजनाएं:
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अयोध्या में दीपोत्सव
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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर योजना
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मथुरा-वृंदावन विकास
🟢 अधोसंरचना विकास:
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पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
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गंगा एक्सप्रेसवे
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नोएडा में जेवर एयरपोर्ट
🟢 सामाजिक योजनाएं:
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मुफ्त राशन योजना
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उज्ज्वला योजना का विस्तार
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आवास योजना के अंतर्गत लाखों घर
🔷 कोरोना काल में भूमिका
2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान योगी आदित्यनाथ की प्रशासनिक क्षमता की काफी सराहना की गई:
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प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष ट्रेन और बस सेवाएं चलाई गईं।
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बड़े पैमाने पर टेस्टिंग और आइसोलेशन सेंटर बनाए गए।
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ऑक्सीजन आपूर्ति और अस्पताल तैयार करने में उनकी सक्रिय भागीदारी देखी गई।
🔷 2022 में दोबारा सत्ता में वापसी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में BJP ने दोबारा भारी बहुमत हासिल किया।
योगी आदित्यनाथ पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने जो पूर्ण कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से सत्ता में लौटे।
🔷 व्यक्तिगत जीवन
योगी आदित्यनाथ अविवाहित हैं और सन्यासी जीवन का पालन करते हैं। वे बेहद अनुशासित, सादा जीवन जीने वाले नेता हैं।
वे सुबह 4 बजे उठते हैं और योग, ध्यान के बाद ही प्रशासनिक काम करते हैं। उनके लिए राजधर्म और राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है।
🔷 आलोचना और समर्थन
आलोचना | समर्थन |
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मुस्लिम विरोधी बयान | मजबूत प्रशासन और भ्रष्टाचारमुक्त शासन |
सांप्रदायिक ध्रुवीकरण | विकास योजनाओं में तेजी |
सख्त और कठोर रवैया | अपराधियों में भय और जनता में भरोसा |
🔷 लोकप्रियता और सोशल मीडिया
योगी आदित्यनाथ सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहते हैं।
उनके ट्विटर और फेसबुक पर लाखों फॉलोअर्स हैं।
उनकी छवि एक “हिंदू हार्डलाइनर” + “विकासवादी प्रशासक” की है।
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🔷 निष्कर्ष
योगी आदित्यनाथ भारतीय राजनीति का एक अनोखा चेहरा हैं, जो धर्म और राजनीति का संतुलन साधते हुए देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य को चला रहे हैं। एक तपस्वी जीवन से सत्ता के शिखर तक का उनका सफर प्रेरणादायक है।
उनकी लोकप्रियता, विवाद और उपलब्धियां उन्हें एक ऐसा नेता बनाती हैं जिसे केवल एक राजनीतिक चेहरा नहीं, बल्कि एक विचारधारा का प्रतिनिधि कहा जा सकता है।
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