सबीह खान बने Apple के नए COO, जानिए भारतीय इंजीनियर की कामयाबी की कहानी
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🔹 सबीह खान: भारतीय मूल के इंजीनियर बने Apple के COO
Apple ने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए भारतीय मूल के सबीह खान को अपना नया Chief Operating Officer (COO) नियुक्त किया है। यह पद पूर्व COO जेफ विलियम्स के रिटायरमेंट के बाद खाली हुआ था। सबीह खान अब उस ग्लोबल ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभालेंगे जो हर साल करोड़ों Apple प्रोडक्ट्स के निर्माण और डिलीवरी का आधार है।
🔹 कौन हैं सबीह खान?
सबीह खान का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मुरादाबाद जिले में हुआ था। उनका बचपन सिंगापुर में बीता और फिर शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए। आज वह विश्व की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी में शीर्ष पद पर आसीन हैं।
🔹 शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
- स्नातक: Tufts University से डबल डिग्री (Economics और Mechanical Engineering)
- परास्नातक: Rensselaer Polytechnic Institute से Mechanical Engineering में मास्टर्स
- प्रारंभिक करियर: GE Plastics में Technical Leader के तौर पर शुरुआत
🔹 Apple में सफर की शुरुआत
1995 में सबीह खान ने Apple में बतौर Procurement Engineer जॉइन किया। समय के साथ उन्होंने Operations, Manufacturing और Supplier Responsibility जैसे क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत की।
🔹 Apple COO पद की जिम्मेदारी क्या होती है?
Apple का COO मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में काम करता है:
- Global Supply Chain का संचालन
- उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया की निगरानी
- पर्यावरणीय पहल और सस्टेनेबिलिटी रणनीति
- आपातकालीन परिस्थिति में सप्लाई को संभालना
🔹 सबीह खान की प्रमुख उपलब्धियां
- COVID-19 काल में Global Manufacturing को स्थिर बनाए रखा।
- Apple के ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग लक्ष्यों में अग्रणी भूमिका निभाई।
- भारत और वियतनाम जैसे देशों में उत्पादन का विस्तार किया।
- Apple की Supplier Responsibility नीति को और सशक्त किया।
🔹 Tim Cook का सबीह खान पर विश्वास
Apple के CEO टिम कुक ने कहा:
“सबीह हमारे ग्लोबल ऑपरेशंस के आर्किटेक्ट रहे हैं। उनका अनुभव, दूरदृष्टि और नेतृत्व Apple के भविष्य के लिए बेहद जरूरी है।”
🔹 भारतीय मूल के नेतृत्व की बढ़ती भूमिका
सबीह खान उन भारतीयों की सूची में शामिल हो गए हैं जो दुनिया की शीर्ष कंपनियों में शीर्ष पदों पर पहुंच चुके हैं। इस सूची में सुंदर पिचाई (Google), सत्य नडेला (Microsoft), अर्जुन बंगा (World Bank), और अजयपाल बैंगा (MasterCard पूर्व CEO) जैसे नाम पहले से ही हैं।
🔹 सबीह खान की नियुक्ति का वैश्विक महत्व
- भारत की टेक्नोलॉजी क्षेत्र में भूमिका और मजबूत होगी।
- भारतीय मूल के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।
- Apple की रणनीति में भारत एक प्रमुख हब के रूप में विकसित हो सकता है।
🔹 भारत में Apple का विस्तार और सबीह खान की भूमिका
Apple ने हाल ही में भारत में iPhone मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की नीति अपनाई है। सबीह खान इस प्रक्रिया के मुख्य शिल्पकार रहे हैं। उनकी नियुक्ति के बाद भारत में निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
🔹 सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़
LinkedIn, X (पूर्व में Twitter) और Reddit जैसे प्लेटफॉर्म पर सबीह खान को दुनिया भर से बधाइयां मिल रही हैं। #SabihKhan और #AppleCOO हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
🔹 भविष्य की चुनौतियाँ
- Apple को US–China Trade War, नई AI टेक्नोलॉजी और पर्यावरणीय मांगों के साथ तालमेल बैठाना है।
- सबीह खान को इन सभी मोर्चों पर रणनीतिक रूप से नेतृत्व करना होगा।
🏡 सबीह खान: मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) से Apple के COO तक का सफर
👶 प्रारंभिक जीवन और मुरादाबाद से जुड़ाव
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जन्म: साल 1966 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में हुआ था।
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बचपन में ही उनका परिवार सिंगापुर चला गया, जब वह लगभग पांचवी कक्षा में थे।
📚 शिक्षा और ग्लोबल एक्सपोज़र
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उन्होंने सिंगापुर में स्कूलिंग शुरू की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए।
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यहां से उन्हें Tufts University से Economics और Mechanical Engineering में डिग्री मिली, और फिर Rensselaer Polytechnic Institute (RPI) से Mechanical Engineering में मास्टर्स डिग्री।
🌐 कैसे हुआ ये सफर मुरादाबाद से दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी तक?
मुरादाबाद, जिसे मशहूर ‘ब्रास टाउन’ यानी पीतल के बर्तन制造 के लिए जाना जाता है, भारतीय ग्रामीण-शहरी संस्कृति की मिसाल है।
यही संस्कृति और मूल वहां के कुछ चमकदार व्यक्तित्वों को भी बड़े मंच पर ले जाती है।
🔹 उदाहरण:
सबीह खान जैसे भारतीय मूल के इंजीनियर की सफलता विश्व स्तर पर यह संदेश देती है कि
“छोटे शहरों की प्रतिभा भी ग्लोबली चमक सकती है।”
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New Delhi Times of India की रिपोर्ट कहती है:
“Moradabad-born Sabih Khan rises to top at Apple”
📈 मुरादाबाद के लिए यह क्या महत्व रखता है?
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माना जा रहा है कि यह नियुक्ति मुरादाबाद जैसे शहरों में गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बनेगी।
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स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया पर लोग बेहद उत्साहित हैं कि कैसे उनका ही बेटा दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी में इतना ऊँचा मुकाम हासिल करता है।
🔹 निष्कर्ष: भारतीय प्रतिभा का वैश्विक मंच पर लोहा
सबीह खान की यह उपलब्धि सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि भारतीय शिक्षा, परिश्रम और प्रतिभा की जीत है। उनकी नियुक्ति एक बार फिर साबित करती है कि भारत का मानव संसाधन विश्व स्तर पर नेतृत्व करने में सक्षम है।
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