पंजाब के लिए बहुत कम हैं 1600 करोड़ रुपये, PM मोदी के राहत पैकेज पर बोले लोग।
बहुत कम हैं 1600 करोड़ रुपये, PM मोदी के राहत पैकेज पर पंजाब MLA का विरोध और मांग
पंजाब में भारी बाढ़ के कारण व्यापक तबाही हुई है, जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के लिए 1600 करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया। लेकिन पंजाब के राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया समेत कई विधायकों ने इसे बहुत कम और अपमानजनक बताया है। राज्य सरकार ने केंद्र से कम से कम 20,000 करोड़ रुपये की मांग की है, जो बाढ़ प्रभावित किसानों, मजदूरों और व्यवसायों के नुकसान को देखते हुए ज़रूरी बताया गया है।
पंजाब की बाढ़ की भयावहता — मौतें, नुकसान और प्रभावित क्षेत्र
पिछले कुछ दिनों में पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने जान-माल का भारी नुकसान किया है। मौत का आंकड़ा 52 पहुंच चुका है जबकि कई लापता हैं। लगभग 1.91 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आई है, जिससे लाखों किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं।
पठानकोट, होशियारपुर, गुरदासपुर जैसे जिलों में नुकसान सबसे ज़्यादा हुआ है।
हजारों लोग अपने घरबार से बेघर हुए हैं और बुनियादी सुविधाओं की कमी झेल रहे हैं।
सामाजिक-आर्थिक ढांचा प्रभावित हुआ है, जिससे राहत कार्य की आवश्यकता और बढ़ गई है।
PM मोदी द्वारा घोषित 1600 करोड़ रुपये का राहत पैकेज
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरदासपुर समेत अन्य बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और तुरंत 1600 करोड़ रुपये का राहत पैकेज की घोषणा की। इसमें मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपये की सहायता भी शामिल है।
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार के साथ सहयोग की भावना जताई।
केंद्र सरकार ने स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड का जिक्र किया, जिसमें अतिरिक्त फंड मौजूद है।
केंद्रीय टीमों को राहत कार्य में त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
पंजाब सरकार और विधायकों की तीखी प्रतिक्रिया
पंजाब के राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया ने इस पैकेज को पंजाब का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि नुकसान के आकलन के हिसाब से राज्य को कम से कम 20,000 करोड़ रुपये चाहिए।
आम आदमी पार्टी (AAP) के मंत्री और कांग्रेस के नेताओं ने भी पैकेज को अपर्याप्त करार दिया।
AAP प्रदेशाध्यक्ष अमन अरोड़ा ने इसे किसानों एवं आम जनता के साथ करारा मजाक बताया।
पंजाब कांग्रेस ने भी केंद्र के इस कदम की आलोचना की और उचित राहत की मांग जारी रखी।
विधायकों ने जितनी राशि मांगी, उसका विवरण
राज्य सरकार का आकलन है कि बाढ़ से हुए नुकसान की रकम लगभग 20,000 करोड़ रुपये है।
राजस्व मंत्री मुंडिया ने कहा कि फसलों, घरों, सड़कों समेत समग्र बुनियादी ढांचे की क्षति को देखते हुए यह राशि पर्याप्त है।
मंत्रीगण का कहना है कि राहत की राशि 1600 करोड़ से कहीं अधिक होनी चाहिए ताकि पुनर्निर्माण संभव हो सके।
आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से राहत पैकेज की समीक्षा
1600 करोड़ रुपये की राशि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की व्यापक पुनःस्थापना के लिए बहुत कम है।
किसानों को हुए फसल नुकसान की भरपाई, ग्रामीण विकास योजनाओं का पुनर्निर्माण, और रोज़गार सृजन मुख्य प्राथमिकता है।
प्रभावित लोगों के लिए आवास, स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य बुनियादी जरूरतें उपलब्ध कराना भी आवश्यक है।
वित्तीय सहायता के साथ-साथ समन्वित प्रशासनिक व्यवस्था का होना भी जरूरी है।
पीएम मोदी का क्षेत्रीय दौरा और राहत कार्यों की समीक्षा
प्रधानमंत्री मोदी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों से मुलाकात कर उनकी पीड़ा को समझा और राज्य सरकार को राहत कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
पीएम ने प्रभावित किसानों को आश्वासन दिया कि हरसंभव मदद राज्य को प्रदान की जाएगी।
केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
पीएम के दौरे को राजनीतिक दलों ने भी उत्साह के साथ देखा, पर राहत राशि को लेकर असंतोष बना रहा।
पंजाब में राहत कार्यों की चुनौतियां और आगे की रणनीति
राहत राशि के वितरण में पारदर्शिता और त्वरित प्रक्रिया सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है।
बाढ़ प्रभावित जनसंख्या की जरूरतों के अनुसार फंड का उपयोग करना होगा।
दीर्घकालिक पुनर्वास योजनाओं पर भी ध्यान देना होगा ताकि प्रभावितों को स्थायी राहत मिल सके।
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Disclaimer: यह लेख सरकारी बयानों, मीडिया रिपोर्ट्स एवं विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर आधारित है। स्थिति में समय-समय पर बदलाव संभव है। कृपया ताज़ा अपडेट के लिए आधिकारिक स्रोत देखें।
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