पेरासिटामोल-आइबुप्रोफेन से बढ़ रहा एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस? वैज्ञानिकों की चौंकाने वाली खोज

वैज्ञानिकों की चौंकाने वाली खोज, पेरासिटामोल-आइबुप्रोफेन से बढ़ रहा एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस? अधिक जानकारी के लिए देखे पूरी पोस्ट

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पेरासिटामोल-आइबुप्रोफेन से बढ़ रहा एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस? वैज्ञानिकों की चौंकाने वाली खोज

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घर-घर में मिलने वाली आम दर्दनिवारक दवाएं पेरासिटामोल और आइबुप्रोफेन अब स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता का कारण बन गई हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया की ताजा स्टडी में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि ये आम पेनकिलर्स एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. यह खोज दुनियाभर की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी है।

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क्या है एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस और पेरासिटामोल का कनेक्शन?

एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का मतलब है कि बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधी हो जाते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के एसोसिएट प्रोफेसर राइटी वेंटर के नेतृत्व में हुई इस स्टडी में पाया गया कि जब पेरासिटामोल और आइबुप्रोफेन को एंटीबायोटिक सिप्रोफ्लॉक्सासिन के साथ लिया जाता है, तो बैक्टीरिया में अधिक जेनेटिक बदलाव होते हैं.

मुख्य निष्कर्ष:


कैसे काम करता है पेनकिलर्स और एंटीबायोटिक का घातक कॉम्बिनेशन?

स्टडी में 9 आम दवाओं का परीक्षण किया गया, जिसमें पेरासिटामोल और आइबुप्रोफेन के अलावा गठिया, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और नींद की दवाएं शामिल थीं. वैज्ञानिकों ने पाया कि:

सामान्य स्थिति में:

पेनकिलर्स के साथ:


सबसे ज्यादा खतरा किसे? बुजुर्गों के लिए गंभीर चेतावनी

स्टडी के अनुसार, सबसे ज्यादा खतरा उन बुजुर्गों को है जो नर्सिंग होम या वृद्धाश्रमों में रहते हैं. इसके मुख्य कारण:

पॉलीफार्मेसी की समस्या:


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WHO की चेतावनी: दुनियाभर में बढ़ता खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस को “ग्लोबल पब्लिक हेल्थ थ्रेट” घोषित किया है. आंकड़ों के अनुसार:

भारत में स्थिति:


कौन से बैक्टीरिया हो रहे सुपरबग? खतरनाक ट्रेंड

पेरासिटामोल और आइबुप्रोफेन के कारण मुख्यतः ये बैक्टीरिया अधिक प्रतिरोधी बन रहे हैं:

E.coli (इशेरिशिया कोली):

अन्य खतरनाक बैक्टीरिया:


डॉक्टरों की सलाह: कैसे करें सुरक्षित उपयोग?

मेडिकल एक्सपर्ट्स इन महत्वपूर्ण सुझावों पर जोर दे रहे हैं:

सुरक्षित दवा सेवन के नियम:

तुरंत बंद न करें:

सही कॉम्बिनेशन:

वैकल्पिक उपाय:


भारतीय परिप्रेक्ष्य में पेनकिलर्स का दुरुपयोग

भारत में पेरासिटामोल और आइबुप्रोफेन की बिक्री बिना प्रिस्क्रिप्शन के होती है, जो एक गंभीर समस्या है:

प्रमुख समस्याएं:

समाधान की दिशा:


वैज्ञानिक अनुसंधान में नए आयाम

इस स्टडी के बाद दुनियाभर के वैज्ञानिक एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस पर नए सिरे से रिसर्च कर रहे हैं:

भविष्य की योजनाएं:


आम लोगों के लिए व्यावहारिक सुझाव

दैनिक जीवन में अपनाने योग्य उपाय:

दर्द प्रबंधन के वैकल्पिक तरीके:

दवा सेवन की बेहतर आदतें:


Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है। यह किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी दवा को शुरू करने, बंद करने या बदलने से पहले योग्य चिकित्सक से परामर्श लें। व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार उपचार अलग हो सकता है।

आग्रह और आपके अमूल्य सुझाव

यह अत्यंत महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जानकारी है जो हर व्यक्ति को पता होनी चाहिए। कृपया इस लेख को अपने परिवार, मित्रों और सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। आपकी एक शेयर से किसी की जान बच सकती है! पेनकिलर्स के सुरक्षित उपयोग और एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस के बारे में आपके क्या अनुभव हैं? कमेंट में जरूर साझा करें।

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