वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में यह घोषणा की है कि वित्त वर्ष 2025-26 (आकलन वर्ष 2026-27) से नई कर व्यवस्था के तहत ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर देय नहीं होगा। यह छूट सिर्फ नई टैक्स व्यवस्था में लागू है और इसका उद्देश्य मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करना है।
(उपरोक्त 12 लाख टैक्स फ्री की गढ़ना 2025-2026 में की जाएगी, इसीलिए दिया गया है ताकि आगे कर निर्धारण वर्ष 2024 -2025 के टैक्स की चर्चा की जाएगी)
🔹 वित्त मंत्री की घोषणा का सारांश:
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा:
“नई कर व्यवस्था के तहत ₹12 लाख तक की आय पर कोई आयकर देय नहीं होगा। वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा ₹12.75 लाख होगी, क्योंकि उन्हें ₹75,000 का मानक कटौती (Standard Deduction) मिलेगा।”
🔹 नई कर व्यवस्था में टैक्स स्लैब (वित्त वर्ष 2025-26):
आय सीमा (₹) | कर की दर |
---|---|
0 – 4 लाख | 0% |
4 – 8 लाख | 5% |
8 – 12 लाख | 10% |
12 – 16 लाख | 15% |
16 – 20 लाख | 20% |
20 – 24 लाख | 25% |
24 लाख से अधिक | 30% |
इन स्लैब्स के अनुसार, ₹12 लाख तक की आय पर कुल कर देयता ₹60,000 होती है, जिसे धारा 87A के तहत पूरी तरह से छूट दी जाती है, जिससे अंतिम कर देयता शून्य हो जाती है।
(Bharati Fast News)
🔹 वेतनभोगी करदाताओं के लिए अतिरिक्त लाभ:
वेतनभोगी करदाताओं को ₹75,000 का मानक कटौती (Standard Deduction) मिलता है, जिससे उनकी कर योग्य आय ₹12.75 लाख तक हो सकती है और फिर भी वे कर मुक्त रह सकते हैं।
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🔹 महत्वपूर्ण बिंदु:
-
यह छूट केवल नई कर व्यवस्था में लागू है।
-
पुरानी कर व्यवस्था में यह छूट उपलब्ध नहीं है।
-
यह छूट केवल वेतन, व्यवसाय या अन्य सामान्य आय पर लागू होती है; पूंजीगत लाभ (Capital Gains) जैसी विशेष दरों पर कर योग्य आय पर नहीं।
-
धारा 87A के तहत यह छूट केवल निवासी व्यक्तियों को उपलब्ध है।
🔵 1. आयकर स्लैब दरें – वित्त वर्ष 2024-25 के लिए
✅ नई कर व्यवस्था (Default regime)
(इसमें ज़्यादातर छूटें और कटौतियाँ लागू नहीं होतीं)
आय की सीमा (₹) | कर की दर |
---|---|
0 – 3 लाख | शून्य |
3 – 6 लाख | 5% |
6 – 9 लाख | 10% |
9 – 12 लाख | 15% |
12 – 15 लाख | 20% |
₹15 लाख से ऊपर | 30% |
🔹 ₹7 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा — Rebate under Section 87A लागू होती है।
✅ पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime)
(इसमें Section 80C, 80D, HRA, LTA जैसी छूटें मिलती हैं)
आय की सीमा (₹) | कर की दर |
---|---|
0 – 2.5 लाख | शून्य |
2.5 – 5 लाख | 5% |
5 – 10 लाख | 20% |
₹10 लाख से ऊपर | 30% |
🔹 ₹5 लाख तक की कुल आय पर भी टैक्स नहीं लगेगा — Section 87A के तहत अधिकतम ₹12,500 की छूट मिलती है।
🧮 Section 87A के तहत टैक्स छूट
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नई व्यवस्था: ₹7 लाख तक की कुल नेट टैक्सेबल इनकम पर ₹25,000 तक की छूट मिलेगी।
-
पुरानी व्यवस्था: ₹5 लाख तक की कुल नेट टैक्सेबल इनकम पर ₹12,500 तक की छूट।
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📋 उदाहरण के तौर पर टैक्स कैलकुलेशन (नई व्यवस्था में)
कुल वार्षिक आय | टैक्स कैलकुलेशन | अंतिम टैक्स |
---|---|---|
₹6 लाख | 3-6 लाख पर 5% = ₹15,000 | ₹15,000 – ₹25,000 (87A) = ₹0 |
₹9 लाख | 3-6 लाख @5% = ₹15,000 + 6-9 लाख @10% = ₹30,000 | ₹45,000 – ₹0 = ₹45,000 |
₹15 लाख | विभिन्न स्लैब के अनुसार कुल टैक्स = ₹1,50,000 | ₹1,50,000 |
🧾 साल 2025 में ITR फाइल करते समय विशेष बातें:
🔍 टैक्स बचत के प्रमुख विकल्प (अगर पुरानी व्यवस्था चुनते हैं):
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धारा 80C: ₹1.5 लाख तक की कटौती – PPF, ELSS, LIC, 5-year FD, आदि।
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धारा 80D: हेल्थ इंश्योरेंस पर ₹25,000-₹50,000 तक की कटौती।
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धारा 24B: होम लोन के ब्याज पर ₹2 लाख तक की छूट।
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NPS (धारा 80CCD(1B)): ₹50,000 अतिरिक्त कटौती।
📌 कौन-सी टैक्स व्यवस्था चुनें?
श्रेणी | नई व्यवस्था बेहतर कब है? | पुरानी व्यवस्था बेहतर कब है? |
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सैलरीड व्यक्ति | अगर ज्यादा छूट क्लेम नहीं करते हैं | अगर 80C, 80D, HRA आदि में बचत करते हैं |
बिज़नेस/फ्रीलांसर | अगर सरलीकरण चाहिए | अगर ज्यादा निवेश व खर्च क्लेम करते हैं |
👉 नया सिस्टम सरल है, लेकिन छूटें कम मिलती हैं। पुराना सिस्टम जटिल हो सकता है लेकिन ज़्यादा टैक्स बचा सकते हैं।
⚠️ फाइलिंग के समय सावधानियाँ:
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AIS और TIS (Annual Information Statement) की जानकारी से मेल खाएं।
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फॉर्म 26AS की जांच ज़रूर करें।
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OTP से ई-वेरिफाई करें — 30 दिनों के भीतर।
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अगर टैक्स बचा है तो समय से भरें, नहीं तो ब्याज लगेगा (धारा 234A/B/C)।
📅 आयकर रिटर्न फाइल करने की तारीखें (2025)
वर्ग | अंतिम तिथि |
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सामान्य टैक्सपेयर्स | 15 सितंबर 2025 (बढ़ाई गई) |
ऑडिट वाले बिज़नेस | 31 अक्टूबर 2025 |
Transfer Pricing केस | 30 नवंबर 2025 |
📦 ITR फाइलिंग के लिए आवश्यक दस्तावेज़:
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फॉर्म 16 (अगर सैलरीड हैं)
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पैन और आधार कार्ड
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बैंक स्टेटमेंट
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निवेश प्रमाणपत्र (80C आदि)
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हेल्थ इंश्योरेंस रसीदें (80D)
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होम लोन ब्याज प्रमाणपत्र
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फॉर्म 26AS और AIS
आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग 2025 सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
परिचय:
वित्तीय वर्ष 2024-25 (निर्धारण वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस लेख में हम ITR फाइलिंग से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी, सावधानियाँ, उपलब्ध छूटें, और फाइलिंग की समयसीमा के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि:
आयकर विभाग ने ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है, जो पहले 31 जुलाई 2025 थी।
2. ITR फॉर्म्स और उनकी योग्यता:
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ITR-1 (सहज): वेतन, एक गृह संपत्ति, और अन्य स्रोतों (जैसे ब्याज) से आय वाले व्यक्तियों के लिए, जिनकी कुल आय ₹50 लाख तक है।
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ITR-2: उन व्यक्तियों के लिए जो ITR-1 के लिए पात्र नहीं हैं और जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से नहीं है।
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ITR-3: व्यवसाय या पेशे से आय वाले व्यक्तियों के लिए।
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ITR-4 (सुगम): प्रेजम्पटिव इनकम स्कीम (धारा 44AD, 44ADA, 44AE) के तहत व्यवसाय या पेशा चलाने वाले व्यक्तियों, HUFs, और फर्मों के लिए, जिनकी कुल आय ₹50 लाख तक है।
3. नई सुविधाएँ और बदलाव:
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एक्सेल यूटिलिटी: आयकर विभाग ने ITR-1 और ITR-4 के लिए एक्सेल यूटिलिटी जारी की है, जिससे फाइलिंग प्रक्रिया और सरल हो गई है।
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पूर्व-भरे हुए डेटा: अब फॉर्म्स में आपके वित्तीय डेटा का पूर्व-भरा हुआ विवरण मिलेगा, जिससे त्रुटियों की संभावना कम होगी।
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आधार-आधारित OTP: फाइलिंग के बाद सत्यापन के लिए आधार-आधारित OTP की सुविधा उपलब्ध है।
4. उपलब्ध कर छूटें:
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धारा 80C: ₹1.5 लाख तक की कटौती के लिए निवेश विकल्प जैसे PPF, EPF, ELSS, 5-वर्षीय FD, और जीवन बीमा प्रीमियम।
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धारा 80D: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती; स्वयं, जीवनसाथी, और बच्चों के लिए ₹25,000 तक, और वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए ₹50,000 तक।
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धारा 24B: गृह ऋण के ब्याज पर ₹2 लाख तक की कटौती।
5. फाइलिंग के दौरान सावधानियाँ:
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सही फॉर्म का चयन: अपनी आय के स्रोत के अनुसार उचित ITR फॉर्म का चयन करें।
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सभी आय का खुलासा: सभी आय स्रोतों, जैसे वेतन, ब्याज, किराया, आदि का सही-सही खुलासा करें।
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सत्यापन: फाइलिंग के बाद ITR-V को डिजिटल रूप से या डाक के माध्यम से सत्यापित करना न भूलें।
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दस्तावेज़ों का संग्रह: सभी संबंधित दस्तावेज़ों, जैसे फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, निवेश प्रमाणपत्र, आदि का संग्रह और सुरक्षित रखाव करें।
6. वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष प्रावधान:
75 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को, यदि उनकी आय केवल पेंशन और ब्याज से है, और TDS पहले ही काटा जा चुका है, तो ITR फाइल करने से छूट दी गई है। Income Tax India
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🔚 निष्कर्ष:
ITR फाइल करना केवल कानूनी ज़िम्मेदारी नहीं है, बल्कि फाइनेंशियल रूप से अनुशासित जीवन का हिस्सा भी है। समय पर रिटर्न फाइल करें, और सही टैक्स व्यवस्था चुनकर अपनी आय और छूट के अनुसार टैक्स बचत का भरपूर लाभ उठाएं।
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