IIT मद्रास ने लॉन्च की भारत की सबसे हल्की व्हीलचेयर
IIT मद्रास हल्की व्हीलचेयर लॉन्च – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras) ने तकनीकी क्षेत्र में एक और नया कीर्तिमान स्थापित किया है। संस्थान ने हाल ही में भारत की सबसे हल्की व्हीलचेयर लॉन्च की है, जो दिव्यांगजनों की सुविधा और गतिशीलता को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन की गई है।
यह व्हीलचेयर न केवल वज़न में हल्की है, बल्कि इसकी संरचना, सामग्री और टिकाऊपन इसे बाकी व्हीलचेयरों से अलग बनाते हैं। यह इनोवेशन समाज के उस वर्ग के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आया है, जो mobility से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रहा था।
क्या है इस हल्की व्हीलचेयर की खासियत?
IIT मद्रास द्वारा विकसित यह व्हीलचेयर पूरी तरह से इंडिजिनस टेक्नोलॉजी से बनी है और इसका वज़न लगभग 5.5 किलोग्राम है, जो कि मौजूदा बाजार में उपलब्ध व्हीलचेयरों से लगभग 40% हल्की है।
मुख्य विशेषताएं:
- ✅ वजन में बेहद हल्की (लगभग 5.5 किलोग्राम)
- ✅ मजबूत और टिकाऊ फ्रेम
- ✅ यात्रा और परिवहन में आसान
- ✅ फोल्डेबल और पोर्टेबल डिज़ाइन
- ✅ भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप विकसित
कैसे हुआ इसका निर्माण?
यह प्रोजेक्ट IIT मद्रास के TTSH (Translational Technology Solutions Hub) की एक पहल है, जिसमें कई इंजीनियर्स, बायोमेडिकल एक्सपर्ट्स और डिज़ाइन विशेषज्ञों ने मिलकर इस व्हीलचेयर को विकसित किया। इसे एयरोस्पेस ग्रेड एल्यूमिनियम से बनाया गया है, जिससे इसका वज़न हल्का और स्ट्रक्चर मजबूत रहता है।
दिव्यांगजनों के लिए वरदान
यह व्हीलचेयर खासकर उन लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं और जिनकी mobility सीमित है। इसका हल्का वज़न इसे कहीं भी ले जाने में आसान बनाता है – ट्रेन, बस, कार या हवाई यात्रा के दौरान।
एक यूज़र की राय:
“मैंने अब तक इतनी हल्की और उपयोगी व्हीलचेयर नहीं देखी थी। यह न सिर्फ आरामदायक है, बल्कि इसका डिज़ाइन भी प्रैक्टिकल है।” – उपयोगकर्ता समीक्षा
क्या कहती है सरकार और विशेषज्ञ?
भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय और AIIMS जैसे संस्थानों ने इस पहल की सराहना की है। माना जा रहा है कि इस व्हीलचेयर को जल्द ही सरकारी अस्पतालों और विकलांग सहायता योजनाओं में शामिल किया जाएगा।
कब से होगी उपलब्ध?
IIT मद्रास ने जानकारी दी है कि यह व्हीलचेयर आगामी महीनों में किफायती मूल्य पर बाजार में उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए कुछ सरकारी योजनाओं और CSR कार्यक्रमों से सहयोग भी लिया जा रहा है।
समाज में क्या असर पड़ेगा?
- दिव्यांग व्यक्तियों की mobility में क्रांतिकारी सुधार
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
- कम आय वाले वर्गों तक पहुंच
- मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया मिशन को मजबूती
मीडिया और सोशल मीडिया पर चर्चा
IIT मद्रास की इस पहल को लेकर सोशल मीडिया पर भारी चर्चा है। Twitter पर #IITMadrasWheelchair ट्रेंड कर रहा है, और कई समाचार चैनलों ने इसे मुख्य खबरों में शामिल किया है।
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निष्कर्ष
IIT मद्रास द्वारा बनाई गई यह हल्की व्हीलचेयर तकनीक और मानवीय संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह पहल न सिर्फ विज्ञान और इंजीनियरिंग की सफलता है, बल्कि यह उन लोगों की ज़िंदगी में उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आई है, जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा जरूरत है।
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