CBSE का बड़ा ऐलान: 2026 से साल में दो बार होगी 10वीं की बोर्ड परीक्षा

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CBSE का बड़ा ऐलान: 2026 से साल में दो बार होगी 10वीं की बोर्ड परीक्षा

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शिक्षा जगत में एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब साल 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा दो बार आयोजित की जाएगी — पहली बार फरवरी में और दूसरी बार मई में। यह घोषणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत की गई है। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा के तनाव को कम करना और सीखने को बेहतर बनाना है।

क्या है नया पैटर्न?

क्यों लिया गया यह फैसला?

CBSE के अनुसार, यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की सिफारिशों के अनुरूप लिया गया है। इसका उद्देश्य छात्रों को बार-बार सीखने और सुधारने का मौका देना है, ताकि वे परीक्षा के डर से मुक्त होकर पढ़ाई करें।

CBSE 10वीं परीक्षा 2026 की संभावित तिथियाँ

परीक्षा संभावित तिथि
पहली परीक्षा फरवरी 2026
दूसरी परीक्षा मई 2026
परिणाम घोषित जून/जुलाई 2026

क्या दोनों परीक्षाएं अनिवार्य होंगी?

नहीं। CBSE ने स्पष्ट किया है कि:

छात्रों पर क्या होगा प्रभाव?

स्कूलों और शिक्षकों के लिए क्या बदल जाएगा?

अभिभावकों की चिंताएं और विशेषज्ञों की राय

कुछ अभिभावकों का कहना है कि दो बार परीक्षा देना बच्चों पर दबाव बढ़ा सकता है, लेकिन शिक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बदलाव लचीलेपन और सुधार के अवसर प्रदान करता है।

क्या 12वीं बोर्ड परीक्षा पर भी लागू होगा?

फिलहाल यह नियम सिर्फ कक्षा 10वीं के लिए लागू किया गया है। लेकिन CBSE भविष्य में 12वीं परीक्षा के लिए भी इसी प्रणाली पर विचार कर सकता है।

JoSAA और अन्य प्रवेश परीक्षाओं पर प्रभाव

हालांकि JoSAA और JEE जैसे इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं 12वीं के बाद होती हैं, लेकिन यह नई प्रणाली छात्रों को बोर्ड परीक्षा के डर से मुक्त कर बेहतर तैयारी का मौका देगी। इससे JEE, NEET जैसे एग्जाम की तैयारी में भी सुधार संभव है।

CBSE का आधिकारिक बयान

CBSE के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा:

“यह कदम छात्रों को मानसिक रूप से मज़बूत बनाने और अकादमिक प्रदर्शन को सुधारने के लिए उठाया गया है। इससे भारत की शिक्षा प्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव आएगा।”

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या होता है?

कई विकसित देशों में छात्रों को परीक्षा देने के लिए एक से अधिक अवसर मिलते हैं। जैसे कि USA, UK, ऑस्ट्रेलिया में flexible assessments होते हैं। CBSE का यह फैसला वैश्विक शिक्षा पद्धति से मेल खाता है।

विद्यार्थियों के लिए सुझाव:

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⚠️ Disclaimer:

यह लेख समाचार स्रोतों, CBSE के आधिकारिक बयान और शिक्षा विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि अंतिम जानकारी के लिए CBSE की वेबसाइट देखें।


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